रसायनशास्त्र

Q.12 : कोलॉइड के कम से कम पाँच, औद्योगिक उपयोग बताइए।

उत्तर- कोलॉइड के मुख्य अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं -

(i) औषधियों में (In Medicines)- बहुत सी दवाइयाँ व इन्जेक्शन कोलॉइडी अवस्था में होते हैं, क्योंकि इस दशा में ये सुगमता से अधिशोषित होकर पच जाते हैं और अधिक प्रभावकारी होते हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं: -
(अ) आर्जिरॉल तथा प्रोटारगॉल सिल्वर के रक्षित कोलॉइडी विलयन हैं जिनका उपयोग आँख के दानों को नष्ट करने में दवाई के रूप में करते हैं।
(ब) कोलॉइडी गोल्ड, मैंगनीज एवं कैल्सियम का उपयोग टी.बी. एवं रिकेट्स की बीमारी में अन्तः पेशी इन्जेक्शन के रूप में किया जाता है।
(स) कोलॉइडी सल्फर का उपयोग पेडों में सैगाणुनाशी के रूप में किया जाता है।
(द) कोलॉइडी एण्टीनी काले बुखार को दूर करता है।

(ii) उद्योग में (In Industry)- कोलॉइड कणों पर आवेश उपस्थित रहने के कारण इनका उपयोग विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है। विभिन्न उद्योगों में कोलॉइडों के उपयोग निम्नलिखित हैं -
(अ) रबर उद्योग में (In Lates: Industry)- रबर (latex) एक पायस है जिसमें ऋण आवेश से युक्त रबर के कण जल में वितरित रहते हैं। इसकी रक्षा के लिए इसमें थोड़ा जिलेटिन मिला देते हैं। गन्धक के साथ गर्म करने पर वल्कनीकृत रबर (vulcanisedrubber) का निर्माण होता है जिसका उपयोग साइकिल तथा मोटर के टायर बनाने में किया जाता है।
(ब) चर्म उद्योग में (In Leather Industry) - जानवरों का चर्म धन आवेश से युक्त कोलॉइडी विलयन की रचना करता है जिसमें प्रोटीन कोलॉइडी अवस्था में रहता है। इस पर ऋणं आवेश से युक्त टैनिन (tannin) का कोलॉइडी विलयन डालने पर (जो पेड़ों की छाल में उपस्थित रहता है), इनमें पारस्परिक स्कन्दन होता है जिसमें चमड़ा कड़ा हो जाता है तथा उसकां सड़ना (putrefaction) रुक जाता है।
(स) जल को शुद्ध करने में (In Purification of Water) - नदियों का जल अशुद्ध रहता है। इसमें ऋण आवेश से युक्त मिट्टी के छोटे-छोटे कण अशुद्धि के रूप में मिले रहते हैं। इस जल में ऐलम डालने पर, (जो जल में Al+++ आयन प्रदान करता है) इन कणों पर उपस्थित आवेश नष्ट हो जाता है। फलतः ये अवक्षेप के रूप में पात्र की पेंदी में बैठ जाते हैं। ऊपर के स्वच्छ जल को 'निथारकर अलग कर लेते हैं।
(द) कपड़ा साफ करने में (In Cleaning of Clothes) - साबुन उच्च वसीय अम्लों का सोडियम लवण है। यह जल से मिलकर कोलॉइडी विलयन बनाता है। इसके कोलॉइडी कण पायसीकरण क्रिया द्वारा गन्दे पदार्थों का अधिशोषण कर गन्दगी दूर कर देते हैं।
(इ) धूम्र अवक्षेपक में (In Sinoke Precipitator) - हम प्रतिदिन चिमनियों से धुआँ निकलते हुये देखते हैं। इस धुएँ से शहरों का वातावरण दूषित हो जाता है। यह धुआँ एक कोलॉइडी निकाय है जिसमें कार्बन के कण वायु में परिक्षिप्त (dispersed) रहते हैं। कार्बन के इन कणों पर विद्युत् आवेश रहने के कारण ये अवक्षेपित नहीं होते और हवा में घुले-मिले रहते हैं। यदि इन्हें आवेशहीन कर दिया जाये तो इनका अवक्षेपण आसानी से हो जाता है। इसी कार्य को पूरा करने के लिए कॉटेल ने एक विद्युत् अवक्षेपक (electrical precipitator) का अविष्कार किया।
धुएँ में उपस्थित कार्बन के कण अपने से विपरीत आवेश वाली धातु की प्लेटों के प्रत्यक्ष सम्पर्क में आकर आवेशहीन हो जाते हैं। इसके बाद ये कण अवक्षेपक की पेंदी में नीचे बैठ जाते हैं। धुएँ से मुक्त वायु चिमनी से होकर बाहर निकल जाती है।

(iii) मल से गन्दगी पृथक करना (Removal of Dirt from Sewage)- नालियों के गन्दे पानी को बहने से पूर्व उसमें उपस्थित गंदगी के कणों को धन कण संचलन (cataphoresis) विधि द्वारा पृथक कर लिया जाता है। इस विधि में दो टैंक आपस में जुड़े होते हैं एवं इनमें धातु के दो इलैक्ट्रोड लगे रहते हैं। गंदगी के कण विपरीत आवेश युक्त इलैक्ट्रोड पर मुक्त हो जाते हैं। एवं पानी के बहाव में सरलता आती है।

(iv) डेल्टा का बनना (Formation of Delta)- नदी के पानी में रेत के कण तथा अन्य पदार्थ निलम्बित (suspended) रहते हैं। नदी समुद्र में गिरती है तो समुद्र में उपस्थित विद्युत् -अपघट्यों से प्राप्त आयनों के कारण रेत के कणों तथा अन्य पदार्थों का आवेश नष्ट हो जाता है, जिससे वह अवक्षेपित होकर डेल्टा बनाते हैं। डेल्टा अत्यंत उपजाऊ क्षेत्र होते हैं तथा कृषि में उपयोग होते हैं।

(v) युद्ध में (In War) - युद्ध में विषैले पदार्थों को बम या पिचकारियों द्वारा छिड़ककर धूम्र पट (smoke screen) बनाये जाते हैं।

(vi) गैस मास्क में (In Gas Masks):- गैस मास्क बनाने में कोलॉइडी जन्तु कोयला (colloidal animal charcoal) जैसा उपयुक्त अधिशोषक भरा जाता है जो धुएँ में उपस्थित विषैले पदार्थों को अवशोषित कर लेता है।

(vii) फोटोग्राफी में (In Photography) - पोटैशियम ब्रोमाइड तथा जिलेटिन के विलयन में सिल्वर नाइट्रेट विलयन मिलाने पर सिल्वर ब्रोमाइड सूक्ष्म निलम्बन के रूप में प्राप्त होता है एवं जिलेटिन द्वारा प्रतिरक्षित रहता है। इस निलम्बन को काँच की प्लेट या प्लास्टिक की फिल्म पर लेपित कर देते हैं।

(viii) प्रकृति में कोलॉइड (Colloids in Nature)- प्रकृति में कोलॉइड के निम्नलिखित अनुप्रयोग हैं -
(अ) वर्षा- जल-वाष्प से संतृप्त वायु में ठण्डे प्रदेश में पहुँचने पर संघनन के कारण जल के कोलॉइडी कण बन जाते हैं जो बड़ी बूंदे बना लेते हैं, जो कि गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे गिरती हैं।
(ब) दूध- दूध वसा का जल में पायस है, जिसमें ऐल्बुमिन तथा केसीन पायसीकारक हैं।


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